Books List Grid Previous Page 6 Next Rachana 1 book · 6,020 words Roshni Ka Dariya Rachana Mohini 'Siya' 'रोशनी का दरिया' साहसी-सहृदय कलमकारा की रोमांचक यात्रा है, जो अपनी बेबाक कलम के माध्यम से समाजिक मुद्दों, पर प्रकाश डालती हैं। संवेदना और संघर्ष की गहराईयों में चारित्रिक छंदों से उत्साह और आत्मसमर्थन का एक जज्बाती आह्वान। कविता की... नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 3 books · 13,789 words Kalmash Shunya Nandlal Mani Tripathi Pitambar समय समाज को विकृत संवेदना से मुक्त रखने के आवाहन के शब्दों के संयोजन का काव्य संग्रह एक छोटा प्रयास सामाजिक जीवन को नित्य निरंजन निर्मल निश्चल निर्विकार निर्विवाद निर्विरोध निर्झर रखने के आवाहन का नाद कल्मषशून्य।। सुनीलानंद महंत 1 book · 4,532 words Ajastra Behte Man Moti Sunilanand नित्य, मन सागर में उठते हजारों विचारों को काव्य/ गीत रूप में लिखकर, मैं प्रेम आनंदरस में डूब उतर जाता हूँ | और ये सिलसिला पिछले 50 वर्षों से सतत अनवरत चलता आ रहा है | माँ भगवती सरस्वती की... Shyam Sundar Subramanian 4 books · 19,111 words Khuli Kitaab Shyam Sundar Subramanian हिन्दी कविता में उर्दू शब्दों का प्रयोग करके भावों के प्रस्तुतीकरण का यह एक अभिनव प्रयास है। अंतस्थ भावनाओं को प्रकट करने में उपयुक्त उर्दू शब्दों के प्रयोग से काव्य सौन्दर्य में निखार लाकर, पाठकों को जीवन के विभिन्न आयामों में... डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 3 books · 8,719 words Sneh Ka Nata Dr. Rajander Singh "Swachhand" बहुत बार जीवन एक अनबूझ पहली की तरह होता है और कई बार इतना सरल कि जिसे समझने के लिए तनिक भी प्रयास की आवश्यकता नहीं होती। जीवन का प्रत्येक पल एक नया अध्याय होता है शर्त यह है कि... ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 1 book · 4,974 words Naam Tera Hoga Thakur Pratapsingh "Ranaji" नाम तेरा होगा" मेरी पहली ग़ज़ल संग्रह पुस्तक है, जिसमें जीवन के विविध अनुभवों को संजोया गया है। इस संग्रह में बचपन की मस्ती, पहली मोहब्बत, एकतरफा प्यार, मिलन-विरह की पीड़ा, और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण जैसे भाव शामिल... krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 1 book · 5,793 words Mann Ki Laharein Krishna Pandurang Waghmare मन की लहरें समाज और प्रकृति में बहुत सारे विषय है, बहुत सारी चीज़ें हैं, बातें हैं जिन्की "लहरें" हर किसी के मन में उठतीं रहतीं हैं। मेरे मन में भी बहुत सारी लहरें उठती रहती हैं और उन्हीं लहरों... दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 2 books · 15,900 words Anhad Antas Neel Padam 'अनहद अंतस्' कवि हृदय में सहज अवतरित काव्य से साक्षात्कार है। कोई भी कविता किसी तकनीक से जन्म नहीं लेती बल्कि अनंत ह्रदय के किसी द्वीप पर अवतरित हो जाती है। सीधे सरल तरीके से मन में घटित हुई कविता... Dr. Meena Kaushal 2 books · 1,49,381 words Deeptshikha Dr. Meena Kaushal 'Priyadarshini' Deeptshikha is a book by Dr. Meena Kaushal 'Priyadarshini'. Kanchan Advaita 1 book · 4,107 words Dhuan Dhuan Ishq Kanchan "Advaita" हिंदी साहित्य में मेरी रुचि स्कूल के दिनों से ही थी। स्कूल कॉलेज का ज़्यादातर वक़्त प्रसिद्ध साहित्यकारों को पढ़ते हुए, लाइब्रेरी में ही गुज़रा। कागज़ पर जज़्बात शब्दों में ढलते हुए कब कविता बनने लगी, पता ही न चला।... Awadhesh Singh 1 book · 4,210 words Hatheli Me Chand Awadhesh Singh प्रेम आज के परिवेश में जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण भाव है जिसके प्रति समाज की उदासीनता चकित कर रही है। भौतिक सुख सुविधाओं के लिए रोज मर्रा की भागम-भाग में आज प्रेम की कोमल अनुभूति से जुड़ने के लिए... manorath maharaj 1 book · 6,825 words Chuppi Ka Shor Manorath Maharaj प्रिय पाठक, यह "चुप्पी का शोर" पुस्तक आपके हाथों में सौंपते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं बचपन से ही कविताओं का दीवाना रहा हूँ और मेरे लिए कविता हमेशा आत्मा की आवाज़ रही है। किशोरावस्था में लिखी... Saraswati Bajpai 3 books · 20,082 words Paati Dhaai Aakhar Ki Saraswati Bajpai जीवन की प्रथम अनुभूति प्रेम ही है। जीवन से मृत्यु तक प्रत्येक जीव इस अनुभूति को अपनी क्षमतानुसार अधिकाधिक संचित कर लेना चाहता है। यही प्रेम हमें लौकिक, पारलौकिक दोनो ही जगत में सुदृढ करने की क्षमता रखता है। सारा... संतोष बरमैया जय 1 book · 6,459 words Geeton Ka Guldasta Santosh Barmaiya "Jay" प्रिय पाठक, सादर नमस्कार! "गीतों का गुलदस्ता" यह किताब आपके एवं आपके परिवार और समाज के लिए वरदान सिद्ध होगी। इस किताब का कोई न कोई गीत आपके मन को छूकर अंतस में सदा के लिए बस जाएगा। मेरे लिखे... NAVNEET SINGH 3 books · 8,985 words Palaash Ke Phool Navneet Singh यह पुस्तक प्रेम, यथार्थ और जीवन से जुड़ी घटनाओ का काव्य रूप है। Buddha Prakash 7 books · 26,861 words Mann Mera Bairagi Buddha Prakash समय निरंतर बढ़ता रहता है और इसी समय मे सभी जीवन जी रहे है। सांसारिक क्रिया कालापों मे मानव उलझ कर रह गया है, फिर भी कहीं-ना-कहीं उसके अंदर बैराग या विरक्ति का भाव उभर कर मन में आता है।... Dr. Rajeev Jain 1 book · 4,378 words Patjhad Ki Bahar Dr. Rajeev "Sagari" यह पुस्तक एक मनोवैज्ञानिक की अपनी नजर से लोगों के बीच स्थापित रिश्तों की एक तहकीकात है, लेखक मानो सलाहकार के रूप में पिछले ३५ वर्ष से समाज के बीच काम कर रहा है। हर रिश्ते के हर पहलू पर... Dr. Bharati Varma Bourai 3 books · 11,492 words Anhad Naad Dr. Bharati Varma Bourai सृष्टि से निरंतर बहता हुआ संगीत, हृदय की गहराइयों से निरंतर गुंजित होता हुआ अनहद नाद जो हर कोई अपने अंतस में सुन तो पाता है पर किसी से, किसी अपने तक से भी कह नहीं पाता…उसी अनुभूति से जब... Kumar Kalhans 2 books · 10,730 words Jeevan Ka Tyohaar Niraala Kumar Kalhans मानव, जीवन की यात्रा में अनेकानेक पड़ावों से गुजरता है। विभिन्न परिस्थितियों का सामना करता है। अगणित प्रिय, अप्रिय घटनाएं उसके साथ घटती हैं। ऐसे समय उसके ह्रदय सिंधु में भावनाओं के ज्वार पर ज्वार उमड़ते हैं। प्रस्तुत पुस्तक के... Ravi Prakash 11 books · 1,77,917 words Shri Sunder Lal Ji (Laghu Mahakavya) Ravi Prakash जुलाई 1956 में श्री राम प्रकाश सर्राफ ने अपने नाना श्री सुंदर लाल जी की स्मृति में परोपकार की भावना से रामपुर (उत्तर प्रदेश) में सुंदर लाल इंटर कॉलेज की स्थापना की। पुस्तक में वर्णित श्री सुंदर लाल जी का... Heera S 1 book · 2,969 words Kitna Suhana Mausam Heera Shanmugham प्रिय साहित्य प्रेमियों.... मेरी छोटी सी कविता संग्रह का नाम है "कितना सुहाना मौसम" प्रस्तुत रचना सरल भाषा में लिखी हुई है. मुछे उम्मीद है कि इन कविताओं के द्वारा आप भी कल्पना की दुनिया में उड़ सकते हैं बिना... इंजी. संजय श्रीवास्तव 4 books · 19,332 words Neh Ke Dhage Er. Sanjay Shrivastava काव्य संग्रह "नेह के धागे" में रचनाकार ने भारतीय समाज में संबंधों की बारीकियां को बहुत ही सूक्ष्मता और सहजता के साथ वर्णित किया है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संबंधों के ताने-बाने में आ रही मिलावट और खटास को बखूबी उकेरा... कविता झा ‘गीत’ 1 book · 5,546 words Thoontha Ped : Mutthi Bhar Jazbaat Kavita Jha ‘ठूँठा पेड़ : मुट्ठी भर जज़्बात’ कविता संग्रह मानव मन की संवेदनाओं को नितांत ही सरल, सजीव, अपरिमार्जित, अपक्व, बुनियादी एवं साधारण ढंग से प्रस्तुत करने का एक प्रयास है, जहाँ कवयित्री का उद्देश्य मानव चेतन को हल्के से छू... Khajan Singh Nain 4 books · 33,759 words Sankraman Kaal Khajan Singh Nain काव्य सृजन अंतर्मन के भावों की अभिव्यक्ति होती है। "संक्रमण काल" काव्य-संग्रह, पाठक के अंतर्मन को छूती कविताओं का संकलन है। जीवन के विभिन्न पहलुओं की झलक इन रचनाओं में दिखाई देती है। पाठक को लगता है काव्य संकलन में... सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 books · 31,829 words Prem Paati Suresh Kumar Chaturvedi प्रेम पाती समूची मानव सभ्यता के लिए एक प्रेम भरी पुकार है। जाति धर्म भाषा मजहब नस्ल एवं अंचल से ऊपर उठकर, समाज की बेहतरी का आवाहन है, क्योंकि प्रेम मनुष्य ईश्वर का दिया हुआ बहुत बड़ा उपहार है, अतः... Mukund Patil 1 book · 6,669 words Manthan Baba Patil (Mukund Ramkrishna Patil, Nikam) इस पुस्तक का शीर्षक हे "मंथन" जो मथने की क्रिया को दर्शता है. इस मंथन की प्रत्येक कविता वैचारिक मंथन का परिपाक है. जिस तरह हम दही से घी बनाने के लिए मंथन क्रिया करते है और उसने से हमे... Monika Arora 1 book · 5,691 words Mantasha Ke Mann Se Monika Mantasha 'मंतशा के मन से' इस पुस्तक में मंतशा के मन से उपजे प्रेम और विरह के कुछ गीत और ग़ज़लें हैं। भावनाओं को शब्दों में पिरोकर आपकी मंतशा यह सारे गीत और ग़ज़ल आप सबके अमूल्य स्नेह व आशीर्वाद को... Dr. Vaishali Verma 1 book · 4,455 words Madhuram (Bachpan Ki Duniya) Dr. Vaishali Ankur Verma मधुरम (बचपन की दुनिया) कविता संग्रह "डॉ॰ वैशाली अंकुर वर्मा" जी की प्रथम पुस्तक प्रस्तुति है। पुस्तक के प्रकाशन में सर्वप्रथम परमेश्वर, माता-पिता एवं गुरुजन को नमन अर्पित करती हूँ। सभी क्षेत्रो में कविताओं का अपना ही महत्व हैं। एक... DR ARUN KUMAR SHASTRI 5 books · 30,030 words Monalisa Dr. Arun Kumar Shastri हर लेखक की चाह होती है उसकी पुस्तक को पाठक गण पसंद करें ऐसा ही मेरा भाव भी है, लेकिन पाठक के मन को छु पाऊँ ऐसा भाव उस से पहले है। मेरी प्रस्तुत पुस्तक "मोनालिसा/Monalisa" पेंटिंग जैसी ही खूब... Pallavi Mishra 2 books · 10,764 words Dhoop-Chhanv Dr. Pallavi Mishra •••कुछ कविताएँ समसामयिक घटनाओं से प्रभावित हैं तो कुछ अंतस् की गहराइयों में उठती भावनाओं का प्रतिबिंब हैं। इनका विस्तार सूक्ष्मतम अनुभूतियों से लेकर स्थूलतम उपलब्धियों तक है। कहीं धूप की प्रचंड किरणों का ताप है तो कहीं छाँव की... Previous Page 6 Next