*परिचय*
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*नाम–* डॉ. नीरजा मेहता ‘कमलिनी’
(सेवानिवृत्त अध्यापिका/नेचुरोपैथ)
*निवास–* गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश
*संप्रति–*
*लेखिका, कवयित्री, संपादिका तथा निम्न साहित्यिक संस्थाओं में योगदान–:*
1) संस्थापिका एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष– काव्य मंजरी साहित्यिक मंच (रजि०)
2) संरक्षक– सिद्धि एक उम्मीद महिला साहित्यिक संस्था
3) अध्यक्ष गाज़ियाबाद जनपद इकाई– अंतर्राष्ट्रीय महिला मंच (पंजीकृत न्यास)
4) सलाहकार एवं महासचिव– गीतांजलि काव्य प्रसार मंच (रजि०)
*शिक्षा–*
एम. ए. (हिंदी साहित्य, संस्कृत साहित्य)
बी.एड.
एल एल.बी. (इनकम टैक्स स्पेशल)
नेचुरोपैथी
संगीत वादन (तबला) लखनऊ घराना
*मानद उपाधि/सम्मान–*
1) काव्य साहित्य सरताज उपाधि 2016 (ग्वालियर साहित्य कला परिषद मध्य प्रदेश द्वारा प्राप्त )
2) विद्यावाचस्पति सारस्वत सम्मान 2018 (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर)
3) विद्यासागर सारस्वत सम्मान 2019
(विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार)
4) राजमाता की उपाधि 2023
(काव्य मंजरी साहित्यिक मंच द्वारा)
*प्रकाशन–*
7 एकल पुस्तकें (काव्य, कहानी, संस्मरण, बाल काव्य, काव्य-कथा)
8 एकल लघु पुस्तिकाएं (काव्य, संस्मरण, लघु कहानी)
65 से अधिक साझा संग्रह
5 शोध पुस्तकों में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं।
*विशेषांक प्रकाशन—*
(1) देहली से प्रकाशित राष्ट्रीय मासिक पत्रिका “ट्रू मीडिया” का दिसंबर 2017 का अंक मेरे व्यक्तित्व-कृतित्व पर केंद्रित है।
(2) इलाहाबाद के गुफ्तगू साहित्य से प्रकाशित “गुफ्तगू” पत्रिका का महिला विशेषांक-3 (अप्रैल-जून 2018 अंक) में 34 पृष्ठ का परिशिष्ट मुझ पर केंद्रित है।
*संपादन–*
7 साझा संग्रहों का संपादन किया है।
*सम्मान–*
शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं द्वारा अनेक बार (लगभग 60 से अधिक सम्मान) सम्मानित हुई हूँ किन्तु मेरे लिए असली सम्मान वही है जो मेरे पाठक मुझे देते हैं।
*शैक्षिक योगदान–*
तीस वर्ष तक अध्यापन कार्य में रही और 31 दिसंबर 2016 को सेवानिवृत्त हुई। शिक्षा में योगदान हेतु 6 बार सम्मानित हो चुकी हूँ।
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